हरीश रावत के ट्वीट से मची राजनीतिक हलचल, एक खेमे ने साधी चुप्पी, समर्थकों ने बताया उत्तराखंड का गांधी

हरीश रावत के ट्वीट से मची राजनीतिक हलचल, एक खेमे ने साधी चुप्पी, समर्थकों ने बताया उत्तराखंड का गांधी

हरीश रावत के ट्वीट से मची राजनीतिक हलचल

हरीश रावत के ट्वीट से मची राजनीतिक हलचल, एक खेमे ने साधी चुप्पी, समर्थकों ने बताया उत्तराखंड का गांध

देहरादून। उत्तराखंड में चुनाव के मौके पर कांग्रेस (Congress Party) के भीतर हरीश रावत (Harish Rawat) और उनके समर्थक बनाम अन्य के बीच पार्टी पर वर्चस्व को लेकर खींचतान तेज हो गई है। गुरुवार को रावत के समर्थन में इंटरनेट मीडिया (Internet Media) पर मुहिम जोर पकड़ चुकी है। 

प्रदेश में बीते जुलाई माह में बदलाव से गुजरी कांग्रेस के भीतर चुनाव की बेला में नए विवाद ने सिर उठा लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के तेवरों के बाद पार्टी हाईकमान समन्वय बनाने की कोशिश में जुट गया है। हरीश रावत की नाराजगी दूर करने की कोशिशें तेज करने के साथ ही पार्टी के अन्य क्षत्रपों को भी साधने पर मंथन शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में सभी पक्षों की मौजूदगी में समाधान के कारगर फार्मूले पर मुहर लग सकती है। बैठक में चार कार्यकारी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

उधर, हरीश रावत के समर्थन में राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा आज भी उतरे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के आवास पर मीडिया से बातचीत में प्रदीप टम्टा ने कहा कि कुछ ताकतें कांग्रेस को प्रदेश में कमजोर करना चाहती हैं। कांग्रेस को मजबूत बनाने में अपना सर्वस्व दे रहे हरीश रावत को निशाने पर लिया जा रहा है। सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया गया। उन्होंने यह विषय प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के समक्ष उठाया था, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया।

वहीं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपने नेताओं पर निवेश करते हैं। संसाधन लगाते हैं कद बढ़ाते हैं। इस समय कांग्रेस के नेताओं को अपना आकलन करना चाहिए कि पार्टी ने उन्हें आगे बढ़ाने में कितना निवेश किया है। इस निवेश का कुछ हिस्सा पार्टी को इस चुनौतीपूर्ण समय में वापस करना चाहिए। किशोर की इस टिप्पणी के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने हरीश रावत को वरिष्ठ नेता बताकर और अपनी ओर से तल्ख टिप्पणी से परहेज किया। साथ ही उन्होंने इस पूरे प्रकरण में राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय लेने की बात कहकर गेंद दूसरे पाले में ही सरका दी है। संपर्क करने पर प्रदेश सहप्रभारी दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि मौजूदा मसले को पार्टी हल कर लेगी। कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है। बैठक में सर्वस्वीकार्य समाधान निकलेगा।

वहीं हरीश रावत ने कांग्रेस छोड़ने की संभावना को भले ही खारिज कर दिया, लेकिन उनके समर्थन में इंटरनेट मीडिया पर मुहिम चली। इसमें रावत के रुख का समर्थन करते हुए हर स्थिति में उनका साथ देने की बात कही जा रही है। वहीं कुछ विरोधी इंटरनेट मीडिया पर इस प्रकरण में हरीश रावत को नसीहत देने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।